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पोप का चयन: कौन बनेगा अगला संत पापा? जानें संभावित नाम और प्रक्रिया

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पोप का संक्षिप्त इतिहास और महत्व

Pope Brief History Definition and Importance (Photo - Social Media)

Pope Brief History Definition and Importance (Photo - Social Media)

पोप का संक्षिप्त इतिहास: संत पीटर की विरासत अब समाप्त हो गई है। संत पापा फ्रांसिस, जिन्होंने अपने करुणामय नेतृत्व से लाखों लोगों का दिल जीता, अब हमारे बीच नहीं हैं। उनके निधन से न केवल कैथोलिक चर्च, बल्कि पूरी मानवता शोक में है। वैटिकन में 'कॉन्क्लेव' की प्रक्रिया फिर से शुरू होने वाली है, और सभी की नजरें उस नाम पर हैं जो नया पोप बनेगा। लेकिन पोप कौन होते हैं? उनका चयन कैसे होता है? क्या भारत से कोई नाम इस दौड़ में है? आइए जानते हैं।


पोप की भूमिका पोप कौन होते हैं?

पोप रोमन कैथोलिक चर्च का सर्वोच्च धार्मिक नेता होता है। यह केवल एक धार्मिक प्रमुख नहीं, बल्कि आध्यात्मिक मार्गदर्शक और नैतिकता का प्रतीक भी है।

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पोप का पद संत पीटर से जुड़ा है, जिन्हें ईसा मसीह ने पहला पोप नियुक्त किया था। वे ईसा के प्रमुख शिष्य थे और रोम के पहले बिशप माने जाते हैं। इस प्रकार, पोप को संत पीटर का उत्तराधिकारी माना जाता है।


पोप के कर्तव्य पोप के कर्तव्य:

वैश्विक कैथोलिक समुदाय का नेतृत्व करना,
धर्मशास्त्रीय शिक्षाओं की रक्षा करना,
नैतिक, सामाजिक और धार्मिक मुद्दों पर मार्गदर्शन देना,
नए बिशप्स की नियुक्ति करना,
अंतरधार्मिक संवाद और वैश्विक शांति की पहल करना।


पोप का इतिहास पोप का इतिहास और उत्पत्ति

संत पीटर, जो ईसा मसीह के बारह शिष्यों में से एक थे, ने रोम में ईसाई धर्म का प्रचार किया और पहले बिशप बने। ईसाई परंपरा के अनुसार, संत पीटर को मसीह ने कहा था: "तू वह चट्टान है जिस पर मैं अपनी कलीसिया बनाऊँगा।" इसी आधार पर कैथोलिक चर्च मानता है कि रोम के बिशप (पोप) मसीह के पृथ्वी पर प्रतिनिधि हैं।


पोप का चयन कैसे होता है? कॉन्क्लेव की प्रक्रिया

जब कोई पोप निधन को प्राप्त होते हैं या त्यागपत्र देते हैं, तब "कॉन्क्लेव" नामक प्रक्रिया शुरू होती है। यह प्रक्रिया पूरी तरह गोपनीय होती है।

चयन की प्रक्रिया:

1. कॉन्क्लेव (Conclave): कार्डिनल्स की सभा होती है जिसमें 80 वर्ष से कम आयु के कार्डिनल हिस्सा लेते हैं।

धुआं संकेत:

यदि चुनाव सफल नहीं होता, तो काले धुएं से संकेत दिया जाता है। जब नया पोप चुन लिया जाता है, तो सफेद धुआं उठता है।

घोषणा:

कार्डिनल प्रोटो-डीकन बालकनी से घोषणा करते हैं: "Habemus Papam!" (हमें पोप मिल गया है!)


पोप फ्रांसिस का युग पोप फ्रांसिस: एक करुणामय युग का अंत

पोप फ्रांसिस, जिनका असली नाम जॉर्ज मारियो बेर्गोलियो था, 2013 में पोप चुने गए। वे लैटिन अमेरिका (अर्जेंटीना) से पहले पोप थे और उन्होंने विनम्रता, समावेश और पर्यावरण की रक्षा पर जोर दिया।


अगला पोप कौन? अब अगला पोप कौन? संभावित नाम

पोप फ्रांसिस के निधन के बाद अगला संत पापा चुनने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। कई नाम चर्चा में हैं:

1. कार्डिनल पीटर टर्कसन (घाना):

अफ्रीका से पोप बनने की संभावनाएं गंभीरता से देखी जा रही हैं।

2. कार्डिनल लुइस अंतोनियो तागले (फिलीपींस):

एशिया से पोप बनने का यह एक सशक्त उम्मीदवार हैं।

3. कार्डिनल मारीओ ज़ेनारी (इटली):

यूरोप से फिर एक पोप की संभावना बनी हुई है।

4. कार्डिनल ओस्वाल्ड ग्रेसियस (भारत):

भारत के कार्डिनल ओस्वाल्ड ग्रेसियस भी चर्चा में हैं।


क्या भारत से कोई पोप बन सकता है? क्या भारत से कोई पोप बन सकता है

यदि भारत से कोई पोप चुना जाता है, तो यह ऐतिहासिक होगा। कार्डिनल ओस्वाल्ड ग्रेसियस का नाम इस दौड़ में है, लेकिन अन्य उम्मीदवारों की पहचान उन्हें एक कदम आगे रखती है।


नया पोप, नई दिशा नया पोप, नई दिशा

चर्च आज कई संकटों का सामना कर रहा है। अगला पोप केवल एक धार्मिक नेता नहीं, बल्कि एक आधुनिक सुधारक भी होना चाहिए। पोप फ्रांसिस के जाने से जो रिक्तता बनी है, उसे भरना आसान नहीं होगा। लेकिन एक नया युग शुरू होने वाला है।


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